याराना पल

पहले खुद में हुआ करता था ,
आज सब में हूँ ।
पहले, सहायता क्या था ? ,
नही जनता था ।
आज जनता हूँ ,
क्या होता है ?
दिल के रिश्ते सब से बन सकते है ,
बस इसी से केवल इसी से,
पराये देश में अपने भी है ,
गुदगुदाने वाले अपने भी है ,
बस इसी से केवल इसी से ,
बिछुड़ना अब ,
दुसरों से अच्छा नही लगता ।
जब बिसरेंगे हम सब,
कहेंगे , याद रहेंगी ,
तेरी दोस्ती , याराना ,
वो हम सब का घर ,
और घराना।


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