सत्व

सीखो उन  पंछियो से ,
जो लगातार  चलते रहते है ,
लक्ष्य की तलाश  में,
खुद को अवसर देते है ,
लक्ष्य भी पीछे नही रहता उनसे। 
अपने कर्तव्य के निर्वाह  में ,
मोहबंधित नही होते। 
तू बस चलता चल ,
यही तेरा कर्तव्य है। 
भूल मत तू परमात्मा का अंश मात्र है ,
जो उन पंछियो को  भी आत्मसात है। 
                                     

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