तू और मैं

मेरे आँखो में ख्वाब है जितने,
तेरे दिल में राग है उतने।

          तू जो पहचाने क्या है तू,
          अपने आप में वाह है तू।

मेरे आँखो में मंजिल जितने,
तेरे दिल में राग है उतने।

          क्या पाया है आज तक तूने,
          खुद को पाया आज है मैंने।

अकेले वन में आग लगाई,
सफलता को हार से बनाई।

        मेरे पनघट में निर्मलता जितनी,
        तेरे मन में चंचलता उतनी।

इच्छा है तेरे सहारे,
आस्था है तेरे किनारे।

      उम्मीदों का साया है तू,
      धूप में छाया है तू।


                       

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