अपनी शक्तियों को पहचाने : याद रखें आप इस विश्व में सबसे विचित्र है।

दोस्तों आप अपने कटु अनुभव से ये सीखेंगे - चाहे स्थितियां कैसी भी हो हम जैसे भी है वैसा  ही व्यवहार करना बेहतर है। जेम्स गार्डन के अनुसार - "असली रूप में रहने की इच्छा से सम्बंधित समस्या उतनी ही पुरानी है, जितना की इतिहास और उतनी ही शाश्वत है जितना की मानव का जीवन।"
      एक बस चालक की पुत्री ने ये सबक बहुत मुश्किलों के बाद सीखा। वह एक सिंगर बनाना चाहती थी लेकिन उसका चेहरा उसके लिए दुर्भाग्य का कारण था। उसका मुख बड़ा था और दाँत बाहर की ओर निकले थे। जब उसने एक प्रतिष्ठान में लोगों के सामने गाया , तो उसने ऊपरी होठों से अपने बाहर की ओर निकले दाँत को छुपाने की कोशिश की। उसने स्वयं को ग्लैमरस दिखाने की कोशिश की। परिणाम? उसने खुद को मूर्ख
साबित किया। उसने असफल होना ही था। उस प्रतिष्ठान में एक व्यक्ति शांति से बैठ कर उस लड़की का गाना सुन रहा था, और उसे लगा की उसमे प्रतिभा है। उसने साफ शब्दों में उसने बता दिया ," मैं आप का गाना सुन रहा था और मैं जानता हूँ कि आप क्या छुपाने की कोशिश कर रही थी। आप को अपने दाँतों पर शर्म आ रही थी।" वह लड़की शरमा गयी। लेकिन उस आदमी ने उससे कहा-,"तो इससे क्या फर्क पड़ता है? उन्हें छुपाने की कोशिश मत करिये। अपना मुँह खोलिए और जब दर्शक देखेंगे कि आप शर्मिंदा नही है, तो वे भी आप को पसन्द करेंगे।" इसके अलावा उसने मुस्कुराते हुए कहा ," जिन दाँतों को आप छुपाने की कोशिश कर रही है , हो सकता है किसी दिन ये आप की किस्मत बदल दे।"
     उस लड़की ने उसकी सलाह मानी ली। वह अपने दांतों को भूल गयी। इस घटना के बाद वह सिर्फ अपने दर्शकों के बारे में सोचती थी। वह अपना मुँह पूरी तरह खोलती थी और इतने उत्साह और आनंद के साथ गाती थी कि वह फिल्में और रेडियो की शिखर गायिका बन गयी।
       दोस्तों, हमे जो होना चाहिए , उसकी तुलना में हम आधे ही जाग्रत है। हम अपने शारीरिक और मानसिक संसाधनों का बहुत थोडा ही हिस्सा प्रयोग कर पाते है। मोटी मोटी भाषा में कहा जाये तो  मनुष्य अपनी संभावनाओं का बहुत कम दोहन कर पाता है। आप के पास ऐसी बहुत सी शक्तियाँ होती है जिनके उपयोग करने में आदतन असफल रहते है। 

       इसलिए दोस्तों,दूसरों की नक़ल न करें। अपने आप को जानें और अपने असली स्वरुप में रहें।

   

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