हिम्मत का फल (कहानी)



स्पेन मेँ एक नवयुवक रहता था, उसके मन मेँ एक नए देश को खोजने की इच्छा हुई । वह अपने सात साथियो के साथ नाव पर निकल पड़ा। वह बहुत ही हिम्मती था, वह आगे आगे बढ़ता गया ।उसने अनेकों यातनाएं सहे। उसके रास्ते मेँ तूफान आया, घनघोर बारिश हुई। कुछ समय बाद उनके द्वारा लाया गया भोजन भी समाप्त हो गया। उसने कुछ दिन बिन खाए ही गुजारे। कई दिनों बाद किसी किनारे पर खाना नसीब होता था सारे साथियों ने वापस लौटने की राय दी। लेकिन वो मन का बहुत ही धनी था। उसने हिम्मत नहीँ हारी और वह आगे की ओर चलता गया रास्ते में उसका दिशा सूचक यंत्र भी खराब हो गया, साथियो ने उसे  पुनः वापस घर की ओर चलने की राय दी। उसने किसी की एक न मानी। उसने रास्ते मेँ कठिनाइयोँ को पनाह ही नही दिया उसने डांट कर सामना किया। उसके दिमाग में एक विचार आया। उसने सोचा यह दुनिया गोल है, हम चलते चलते वापस उसी स्थान पर ही मिल जाएंगे जहाँ से हम चले थे । वह चलता गया। चलते चलते उसे एक स्थान मिला।उस स्थान को देख कर वह बहुत ही खुश हुआ। वह वहां जब अपना कदम रखा तो बहुत ही भावुक हो गया था, उसकी मेहनत रंग लायी थी उस स्थान पर कोई भी नहीँ था। वह स्थान रहने के लिए बहुत ही अनुकूलता । उस व्यक्ति ने उस स्थान को अमेरिका के नाम से संबोधित किया। उसने अपने हिम्मत के द्वारा एक देश को खोज दिया था, उसके अन्दर एक चाह थी की मुझे कुछ नया करना है। वह निरंतर प्रयासरत रहा।उसकी सोच, उसके ही मस्तिष्क की उपज थी ऐसे व्यक्ति का नाम था - कोलंबस, जिसने अमेरिका की खोज की
      दोस्तो, इच्छाशक्ति, लगन और मेहनत ,यही हमारे जीवन की आधारशिला है, हमेँ कोई भी कार्य संलग्न  होकर करना चाहिए । उसके प्रति लगन ,आस्था और अपने प्रति विश्वास, मन मेँ एक ऊर्जा का  प्रवाह करता है। दोस्तो जीवन मेँ तीन चीजेँ बहुत ही महत्वपूर्ण है, पहला है इच्छा- दूसरा  है- आस्था ,और तीसरा है-  उम्मीदें
ये तीनो ही हमें किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करा सकती है।
    

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