युवा दिल दिखें , कैसे ?


दोस्तों, शब्दों में प्रबल उपचरक शक्ति होती है। साइकोएनालिसिस कुछ हद तक शब्दों की उपचारक शक्ति पर आधारित है। अगर कोई मरीज़ अपनी अंदरूनी परेशानियों के बारे में बोलता रहे, सिर्फ़ बोलता रहे तो इसी से, उसे राहत मिल जाती है। ऐसा क्यों होता है? शायद इसलिए क्यों कि बोल देने से हमें अपनी समस्याओं के बारे में बेहतर अंतर्दृष्टि मिल जाती है, बेहतर दृष्टीकोण मिल जाता है। कोई भी पूरा जवाब नहीं जानता। लेकिन हम सब यही बोलतें है कि अपने दिल का ग़ुबार निकाल देने से बोझ हल्का हो जाता है और तुरंत हमें राहत मिलती है।
     युवा अनुभव के साथ दिखने के लिये कुछ सम्यकवादी नियमित कर्म करने होंगे जिसे आप घर पर आसानी से कर सकतें है।

1. प्रेरणादायक अध्ययन के लिए एक डायरी या नोटबुक रखें। इसमें वो सारी कवितायेँ छोटी प्रार्थनाएं या प्रेरक वाक्य लिख सकतें है, जो आपको अच्छे लगते हैं और जिनसे आप को प्रेरणा मिलती हो। फिर जब भी आप का मनोबल कम हो और आप उदास हों, तो आपको इस डायरी में निराशा दूर करने का नुस्ख मिल सकता है, यह एक तरह का आध्यात्मिक और शक्ति वर्धक इंजेक्शन है।



2. लोगों में रुचि लें। ऐसे लोगों में दोस्ताना और स्वस्थ रुचि लें, जो आप के साथ जुड़े हुए है।



3. रात को सोने जाने से पहले अगले दिन का टाइम टेबल बना लें। कई लोग काम के बोझ से दबे रहतें है, अनगिनत काम के कारण तनावग्रस्त रहतें है, और इसके बाद भी वे काम पूरा नही कर पाते। घड़ी उन्हें दौड़ती रहती है। इस जल्दबाज़ी के एहसास और चिंता का इलाज करने के लिए यह सुझाव दिया गया कि वे हर रात को अगले दिन का टाइम टेबल बना लें। क्या हुआ? ज्यादा काम, कम थकान, गर्व और उपलब्धि का एहसास । यही नहीं विश्राम और आनंद के लिए भी टाइम मिल गया।



4. आखिर में , थकान और तनाव से बचें। विश्राम करें, विश्राम करें। तनाव और थकान आपको जितनी जल्दी बूढ़ा बना देतें है शायद किसी और चीज़ से आप उतने बूढ़े नहीं दिखते। कोई दूसरी चीज़ आपके चेहरे की ताज़गी और सुंदरता को इतनी तेज़ी से कम नहीं कर सकती। इसलिए आप को विश्राम करना ही पड़ेगा। अजीब बात यह है कि विश्राम करने के लिए एक अच्छी सख्त फ़र्श, किसी स्प्रिंग लगे बिस्तर से ज्यादा अच्छी होती है। इससे अधिक प्रतिरोध मिलता है। यह मेरुदंड के लिए अच्छा भी है।



अ. जब भी थकान महसूस हो, फर्श पर लेट जाएँ। पूरी तरह लंबे होकर लेटें। दिन में दो बार ऐसा करें।



ब. अपनी आँखें बंद कर लें और ऐसा अनुभव करें--
"सूर्य ऊपर चमक रहा है। आसमान नीला और चमकीला है। प्रकृति शांत है, और संसार के नियत्रण में है , और मैं प्रकृति का शिशु होने के नाते ब्रह्माण्ड के संयोजन में हूँ।" या इससे भी बेहतर है कहने के लिए है, तो कहें।



स. अगर आप समय की कमी के कारण लेट नहीं सकते तो कुर्सी पर सीधे बैठ कर भी लगभग यही प्रभाव हासिल कर सकतें है। विश्राम करने के लिए सख्त सीधी कुर्सी अच्छी होती है। कुर्सी पर सख्त सीधे तन कर बैठिये, मिस्र की किसी मूर्ती की तरह और अपने हाथों को आराम करने दीजिये, हथेलियाँ नीचे आपकी जाँघो के ऊपर।



द. अब धीमे से अपने पैर के अंगूठों को तान लें- फिर उन्हें ढीला छोड़ दें। धीरे धीरे ऊपर बढ़ते हुए पूरे शरीर की सभी मांशपेशियों के साथ ऐसा करें, जब तक कि आप गर्दन तक न पहुँच जाएँ। फिर अपने सिर को घुमाइए जैसे यह कोई फुटबॉल हो। अपनी मांशपेशियों से कहिये ..शांत शांत...

इ. धीमी, एक गति से साँस लेकर अपनी नर्वज़ की शांत करिये। भारत के योगी सच कहतें है ,(लयबद्ध श्वसन)  प्रणायाम नर्वज़ को शांत करने के सर्वश्रेठ उपायों में से एक है।



फ. अपने चेहरे की झुर्रियों और त्यौरियों के बारे में सोचें और उनकी सिलवटें मिटा लें। आप की भौहों के बीच और आप के मुँह के दोनों ओर चिंता की लकीरें बन गयीं है, उन्हें मिटा लें। दिन में दो बार ऐसा करें और शायद आपको पार्लर में जा कर मसाज कराने की ज़रुरत नहीं पड़ेगी। शायद यही रेखाएं बाहर से मिटने के बजाय अंन्दर से मिट जाएँगी।

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