अनुचित आलोचना, एक छुपी हुई प्रशंसा होती है।

जीवन में आलोचनाएं हमें सही राह में होने की पुष्टि करता है। आलोचनाएं जबरदस्त तो होती ही है, परंतु याद रखें, कोई भी मृत जीव को लात नही मारता।
            इसलिए, जब आप को लात मारी जाये या आप की आलोचना की जाये तो याद रखे, ऐसा अक्सर इसलिए किया जाता है, क्योंकि इससे लात मारने वाले को महत्व का एहसास होता है। इसका अक्सर मतलब यह होता है कि आप कुछ ख़ास हासिल कर रहे है और लोगों का ध्यान अपनी ओर खीच रहें है। कई लोग अक्सर अपने से ज्यादा शिक्षित या ज्यादा सफल लोगों की धज्जियाँ उड़ाने में जंगली संतुष्टी का अनुभव करते है। शापेनहर ने कई वर्ष पूर्व कहा था- "घटिया लोग महान लोगों की ग़लतियों और मूर्खताओं में बहुत आनंद लेते है।"
            एक पुस्तक में यू एस सेना के जनरल ग्रांट ने अपना अनुभव लिखा था। उन्होंने सन् 1862 में उत्तरी सेना के पक्ष में बड़ा युद्ध जीता - यह विजय एक ही दोपहर में हासिल की गयी और इसने ग्रांट को रातों रात राष्ट्रीय हीरो बना दिया। एक ऐसा विजय जिसका पूरे यूरोप पर अत्यधिक प्रभाव पड़ा। उनके वरिष्ठ अधिकारी इस बात से जल भून रहे थे। इस प्रकार इस महान विजय ने उनके बड़े अधिकारियों में ईर्ष्या और द्वेष जग दिया था। इस घटना के 6 माह बाद ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया,उस समय वे बड़े ही हताश थे।
   दोस्तों, सफल घटनाओं की तुलना में आप असफल धटनाओं से ज्यादा सीखते है। डॉ कलाम ने कहा है-" सदैव असफल घटाओं को पढ़े, क्यों की ये आप को सही निर्णय लेने की शक्ति देगा।"
          जब कभी भी आप आलोचना के व्यूह में फंसें तो चिंतित न हो क्यों कि यह आलोचना आप की छुपी हुई प्रसंशा होती है, और याद रखें कभी भी कोई मृत जीव को लात नही मारता।
   

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