अगर आप को नीबू प्राप्त हो, तो उसका शर्बत बना लें।


जिंदगी भर लोगों के छुपे हुए संग्रह का अध्ययन करने के पश्चात एक वैज्ञानिक एडलर ने इस रहस्य से पैदा हटाया कि-" इन्सान का एक आश्चर्य जनक गुण यह है कि उसमे नकारात्मक को सकारात्मक में परिवर्तित करने की शक्ति होती है।"एक विदेशी महिला की प्रेरणा प्रद कहानी है, जिसे एक पुस्तक में पढ़ा था।  
       महिला के पति घने रेगिस्तान में आर्मी ट्रेनिंग के तौर पर तैनात थे। उनकी पत्नी भी उनके साथ रहने की लिए गयी। परंतु उस महिला को उस रेगिस्तान से नफ़रत होती थी। वह सदैव दुखी रहती थी। उस रेगिस्तान का वीरान क्षेत्र और वहाँ की झोपड़ियां उसे झकझोर कर रख देती थी। गर्मी भी असहनीय लगती थी। पति के ट्रेनिंग के समय उसके पास बात करने के लिए भी कोई नही होता, हवा लगातार चलती रहती और जो खाना बनता, और जो साँस लेती सबमें धूल ही धूल भरी रहती।
       वह इतनी दुखी हो गयी कि उसे स्वयं पर तरस आता था। उसने अपने पिता जी को पत्र लिखा। जिसमे लिखा था कि वह हार मान रही है और वापस घर को लौट रही है, उसे वहां एक मिनट रहना सहन से बाहर है , इससे तो बेहतर है कि वह जेल में रह जाये।
उसके पत्र के उत्तर में उसके पिता जी ने केवल दो वाक्य लिखा-
       "दो लोगों ने जेल की सलाखों से देखा, एक ने कीचड़ देखा , दुसरे ने सितारे।"
       उस महिला ने उस दो वाक्यों को बार बार पढ़ा। उसे स्वयं पर शर्म आने लगी। उसने यह निर्णय लिया कि अब वह अपनी वर्तमान स्थिति में क्या अच्छी बातें है उस पर ही ध्यान देगी और सदैव वह सितारों की तरफ  देखेगी।
        अब उसने वहां के स्थानीय लोगों से मित्रता की, उनकी प्रतिक्रिया देख कर उसे हैरानी हुई। जब उस महिला ने लोगों की बुनाई और बर्तन बनाने की कला में रूचि दिखाई तो उन लोगों ने अपनी सबसे अच्छी कलाकृतियां उपहार स्वरुप उस महिला को दे दिया, जबकि वे इसे पर्यटकों  को बेचने से इंकार करते है। उसने वहां प्रेरी कुत्तों के बारे में सिखा, रेगिस्तान का सूर्यास्त देखा और समुद्री सीपियों को खोज जो वहां करोड़ों साल पहले छूट गयी थी जब रेगिस्तान की जगह समुद्र की तलहटी हुआ करती थी।
        दोस्तों, यह आश्चार्य जनक परिवर्तन किस वजह से आया? रेगिस्तान नही बदला परंतु वह बदल गयी। उसने अपना मानसिक नज़रिया बदल लिया था। और ऐसा कर के एक दुखद अनुभव को अपने जीवन का बहुत ही रोमांचक अभियान बना लिया था। अब उसके द्वारा खोजी गयी, नई दुनिया रोमांचित भी था और प्रेरित भी। दोस्तों, सबसे अच्छी चीज़े सबसे कठिन होती है।
         हैरी एमर्सन ने अपने शब्दों में कहा था -"सुख अधिकांश मामलों में आनंद नही होता: यह अधिकांश मामलों में विजय होता है।" विलियम बैलिथो ने इसे इस तरह कहा-" अच्छी चीज़ो का लाभ उठाना जीवन में महत्वपूर्ण नही है। मूर्ख व्यक्ति भी ऐसा कर सकता है। असली महत्व की बात तो यह है कि आप अपने नूकसान से लाभ उठा सकें। इसमें बुद्धि की आवश्यकता होती है; और इसी से मूर्ख और समझदार के बीच में भेद होता है।"
         मान लीजिये आप इतने निराश हो चुके है कि हमें ये लगता हो कि अपने नींबू को नींबू के शर्बत में परिवर्तित करना संभव नहीं है- परंतु फिर भी हमारे पास दो कारण होते है जिनकी वजह से हमें कोशिश करना चाहिये- दो कारण जिसमे खोने के लिए  हमारे पास कुछ नहीं है और पाने के लिए सब कुछ है।



पहला कारण- हम सफल हो सकते है।



दूसरा कारण- अगर हम सफल नही भी हो तो भी नकारात्मक को सकारात्मक में बदलने की कोशिश से ही हमें पीछे हटने के बजाये आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी। इससे हमारे मन में सकारात्मक विचारों की जगह नकारात्मक विचार ले लेंगे, इसे रचनात्मक ऊर्जा मुक्त होगी और यह हमें इतना व्यस्त रखेगी कि हमारे पास गुजरी हुई बातो पर अफसोस करने की न तो इच्छा होगी, न ही समय।



         एक वायलिन वादक कार्यक्रम कर रहे थे, अचानक उनके वायलिन का एक तार टूट गया। परंतु उन्होंने धुन को तीनों तारों पर ही समाप्त किया। दोस्तों, यही जीवन है। हैरी इमर्सन का कथन है कि-" आप का एक तार टूट जाये तो आप तीन तारों पर समाप्त करें।" यही जीवन नहीं है। यह जीवन से अधिक है। यह विजयी जीवन है।
        इसलिए दोस्तों, जब क़िस्मत हमें नींबू थमा दे, तो हमें नींबू का शर्बत बनाने की कोशिश करना चाहिए।

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