आप थकते क्यों है? आप इसके लिए क्या कर सकते है।

दोस्तों, मैं डेल कारनेगी की एक पुस्तक पढ़ रहा था। मुझे यह पुस्तक विचित्र लगी। इस पुस्तक के कुछ विशेष बातें आप सभी से साझा करना करना चाहता हूँ, जो हम सभी के व्यक्तिगत विकास में लाभकारी है।
यहाँ मैं एक आश्चर्यजनक और महत्त्वपूर्ण बातें बताने जा रहा हूँ। 
            केवल मानसिक श्रम से हम नहीं थकते। हास्यास्पद लगता तो है लेकिन कई वर्ष पहले वैज्ञानिकों ने यह पता लगाने की कोशिश की, कि मानवीय मस्तिष्क अपनी कार्य क्षमता घटाए बिना कितनी देर तक कार्य कर सकता है। परंतु वैज्ञानिकों को यह जान कर आश्चर्य हुआ कि, जब दिमाग सक्रिय होता है, तो इससे गुजरने वाले रक्त में थकान के कोई चिन्ह नहीं होते हैं। अगर आप किसी मजदूर की नस में से रक्त उस समय निकालें जब वह कार्य कर रहा हो, तो आप पाएंगे की उसमे थकान के विषाक्त तत्व और थकान के उत्पाद भरे हुए है। परंतु आप अगर किसी अल्बर्ट जैसे वैज्ञानिक का रक्त ले कर जाँच करवाएंगे तो पाएंगे की उनके रक्त में थकान की विषाक्त तत्व है ही नहीं। तो जहाँ तक दिमाग का सवाल है, यह आठ या बारह घंटे उतनी ही तेजी के साथ काम कर सकता है, जितनी तेजी से यह पहले घंटे में कर सकता है।
         आप का दिमाग़ कभी नहीं थकता ___ तो फिर आप क्यों थक जातें है? मनोवैज्ञानिकों ने यह पाया है कि अधिकतर थकान हमारे मानसिक और भावनात्मक नज़रियों के कारण होती है। हमारी ज़्यादातर थकान का उद्गम हमारे दिमाग में होता है। दरअसल विशुद्ध शारीरिक कारणों से उत्पन्न थकान दुर्लभ हो जाती है। बैठ कर काम करने वाले स्वस्थ लोगों की सौ प्रतिशत थकान मनोवैज्ञानिक तत्वों यानी की भावनात्मक तत्वों की वहज से होती है।
         बोरियत, नफरत, सराहना का आभाव निरर्थकता का आभास, जल्दबाजी ,तनाव, चिंता, यही वे भावनात्मक तत्व है, जो बैठ कर काम करने वाले कर्मचरियों को थकाती है। हम थक जाते है क्योकि भावनाएं हमारे शरीर में मानसिक तनाव उत्पन्न कर देती है।
        कड़ी मेहनत से शायद ही ऐसी कोई थकान उत्पन्न होती है जिसका इलाज़ आराम या अच्छी नींद न कर पाती हो। चिंता, तनाव और भावनात्मक उथल पुथल,  थकान के तीन सबसे बड़े कारण है। अक्सर यही दोषी होते है, जब शारीरिक या मानसिक श्रम को दोषी समझा जाता है इसलिए जब आप काम कर रहें हो तो विश्राम करना सीखें। ___ याद रखें कि तनाव ग्रस्त मांशपेशी एक काम कर रही मांसपेशी है। इसलिए निश्चिन्त रहें और महत्व पूर्ण कर्तव्यों के लिए ऊर्जा बचा कर रखे।
   

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