अपने जाग्रत जीवन पल में, पल पल कैसे बढ़ाएं ?

थकान से अक्सर चिंता पैदा होती है, या इसके कारण चिंता की संभावनाएं बढ़ जाती है। शिकागो के फिजियोलॉजी लैब में विद्यार्थियों को यह बताया जाता था, कि एक तकनीक के रूप में विश्राम का कैसे प्रयोग किया जाये। उनका दावा था कि कोई भी मानसिक परेशानी या नकारात्मक भावनात्मक स्थिति पूर्ण विश्राम की अवस्था में मौजूद रह ही नहीं सकती, इसका मतलब यह है, कि अगर आप विश्राम की अवस्था में हैं तो आप चिंतित नहीं रह सकते। इसलिए दोस्तों अक्सर आराम करें। थकान से पहले ही आराम करें।
        यह इतना महत्वपूर्ण क्यों है ? क्यों कि थकान आश्चर्यजनक तेज़ी से बढ़ती है। ज्यादातर लोगों को लगता है कि ह्रदय लगातार काम करता रहता है। सच तो यह है कि हर संकुचन के बाद ह्रदय कुछ समय के लिए आराम करता है। सत्तर बार प्रति मिनट की औसत गति से धड़कते समय हमारा ह्रदय दरअसल चौबीस में से सिर्फ नौ धंटे ही काम करता है। कुल मिलाकर यह हर दिन पूरे पंद्रह धंटे आराम करता है।
       जॉन डी रॉक फेलर ने दुनिया में दो असाधारण रिकॉर्ड बनाएं। उन्होंने इतनी दौलत इकठ्ठा की, जितनी दुनिया में उस समय तक किसी ने नहीं की थी, और वे 98 साल तक जिए। उन्होंने ऐसा किस तरह किया ? इसका प्रमुख कारण यह था कि लंबे जीवन की प्रवृत्ति उन्हें विरासत में मिली थी। दूसरा कारण यह था कि वे हर दिन दोपहर को अपने ऑफिस में आधे धण्टे की आराम लेते थे, और वे जब आराम करते थे तो अमेरिका का राष्ट्रपति भी फोन पर बात करने के लिये भी नहीं जगा सकता था।
       आराम का मतलब यह नहीं की कुछ भी न किया जाये। आराम का मतलब है मरम्मत। थोड़े से आराम में भी मरम्मत की इतनी शक्ति है कि 5 मिनट की झपकी लेने से ही आप को थकान रोकने में मदत मिलेगी। थॉमस अल्वा एडिसन ने अपनी ऊर्जा और सहन शक्ति का श्रेय इच्छानुसार सोने की अपनी आदत को दिया।
       इसलिए अक्सर आराम करें। वही करें जो आप का ह्रदय करता है - थकने से पहले ही आराम करें और आप अपने जाग्रत जीवन में हर दिन में एक घंटा बढ़ा सकते हैं।


   

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