स्वयं पर भरोसा रखें।
डॉक्टर ए. पी. जे. अब्दुल कलाम के प्रेरणा, सलाह, मार्गदर्शन, उनकी सोच, उनके जीवन मूल्य, उनके समस्या समाधान, उनके अपने जीवन की कठिन राह से हमें जीवन का वास्तविक चित्रण मिलता है। कठिन से कठिन डगर पर चलते हुए, वे सच्चाई की कसौटी पर खरे उतरे। वे सबक, जो उन्होंने सीखा है, उससे हम बहुत कुछ सीख सकते हैं। आइये दोस्तों यह पूरा आर्टिकल पढ़तें है, जो सभी नव जवानों को समर्पित है। उन्ही के मुखारबिंदु से निकले यह वाक्य आप सभी के सामने प्रस्तुत है......
"हर उस अनुभव से जिससे हम सचमुच डर से आँखें चार करने की हिम्मत करतें है, उससे हमें शक्ति साहस और आत्मविश्वास हासिल होता है.... हमें वह जरूर करना करना चाहिए जो हम सोचते है कि हम नहीं कर पाएंगे।" यह कथन वास्तव में एलेनर रूजवेल्ट के है, जो वास्तव में मोती के समान है। हम सभी आत्मविश्वास से भरपूर व्यक्तियों को पसंद करते है, चाहे वह प्रेरणात्मक भाषण देने वाला वक्ता हो या पूरे आत्मविश्वास से मरीजों को देखने वाला डॉक्टर । वास्तव में आत्मविश्वास जीवन के हर एक पहलू के लिए जरूरी है, फिर भी कितने लोग, इसके लिए जद्दोजहद करते रहते है। अफसोस, कुछ लोगों के लिए यह एक कुचक्र बन गया है, क्यों कि अपने अंदर आत्मविश्वास की कमी के चलते सफल होने में दिक्कत आती है, और सफलता न मिलने के कारण आप अपना रहा-सहा आत्मविश्वास भी खो देते रहें है।
आप पाएंगे कि जीवन के किसी भी क्षेत्र में लोग किसी ऐसे काम से जुड़ने से पीछे हट जाते है, जिसकी बात करने वाले के अंदर घबराहट और हिचकिचाहट हो। दूसरी ओर, वह सख्स जो साफ साफ बोलता हो और सर उठा कर आत्मविश्वास के साथ सवालों के जवाब देता हो, और किसी बात की जानकारी न होने पर बेहिचक स्वीकार कर लेता है, वह आप का भरोसा जीत लेता है।
आत्मविश्वास से भरे लोगों को देख कर दूसरों के मन में भरोसा पैदा होता है, चाहे वह उनके श्रोता हो, सहकर्मी हो, अधिकारी हों, ग्राहक हों या दोस्त हों। और दूसरों का भरोसा जीतना उन प्रमुख तरीकों में एक होता है जिससे आत्मविश्वास से भरा व्यक्ति सफलता हासिल करता है। अच्छी बात यह है की अपने अंदर आत्मविश्वास पैदा करना सीखा जा सकता है और उसे बढ़ाया जा सकता है। चाहे आप अपने खुद के आत्मविश्वास पर काम कर रहें हो, अपने आस पास के लोगों का आत्मविश्वास बढ़ाने का काम कर रहें हों, एक ऐसा काम जिसकी अहमियत किसी सूरत में कम नहीं है। इसलिये अपना आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए हमें प्रयास करने चाहिए,और इसके लिए जम कर मेहनत करनी चाहिये।
दो प्रमुख चीजे जो आत्मविश्वास को बढ़ाने में मदत करती है, वे है कार्य कुशलता और स्वाभिमान। हमें अपने कार्यकुशल होने का तब एहसास होता है, जब हम पातें है कि हम जिस क्षेत्र में जाना चाहते हैं, उस क्षेत्र के लिये अहमियत रखने वाले हुनर हासिल कर रहें है, और उस क्षेत्र में अपने लक्ष्य हासिल करते जा रहें है। यह विश्वास का सवाल है कि अगर किसी भी क्षेत्र के लिये जरूरी हुनर सीखेंगे और मेहनत से काम करेंगे तो कामयाब होंगे, और यही वह विश्वास है जो लोगों को कठिन चुनौतियाँ स्वीकार करने और बाधाएं पैदा होने पर भी डटें रहने को प्रेरित करता है।
यह बात स्वाभिमान से बहुत कुछ मिलती जुलती है। जिसे हम सामान्य तौर पर यह मान सकते है कि हमारे जीवन में जो कुछ भी चल रहा है वह हमारे काबू में है या उसे हम बर्दास्त कर सकते है, और इसके साथ ही हमें खुश रहने का भी हक़ है। कुछ हद तक यह एहसास इस हद तक टिका रहता है कि हमारे इर्द गिर्द जो लोग हैं वे हमें कितना स्वीकारते है, और यह हमारे वश में हो भी सकता है, और नहीँ भी हो सकता है। इसके साथ ही यह इस पर भी निर्भर करता है कि हम अच्छे व्यवहार और भलाई के रास्ते पर चलते हुए जो कुछ करते है उसे करने में कितने निपुण हैं, कितने सक्षम है, और अगर ठान लें तो हम दूसरों से आगे भी निकल सकतें है।
नियत समय में काम पूरा करने के दबाव में हम सफलता की ओर ज्यादा तेज़ी से बढ़तें हैं जो बीते महीनों में हमसे दूर होती जाती थी और इस समयावधि में अपने अंदर काम की बुनियादी क़ाबिलियत पैदा होती है, और अपने साथ काम करने वालों के साथ मिलजुल कर चलने की समझ भी।
दोस्तों हमें अपने महान अनुभवों से क्या सबक मिलता है? यही कि आप अपना आत्मविश्वास बढ़ाने का काम इन चार क़दमों में पूरा कर सकतें है -
- पहले अपना लक्ष्य तय करना
- उस लक्ष्य की ओर अपने सफर की शुरुआत
- सफलता की ओर तेज़ी से बढ़ना
- अन्तिम बस ----काम काम और काम
लक्ष्य निर्धारण वह सबसे जरूरी काम है, जिसे सीख कर आप अपना आत्मविश्वास बढ़ा सकतें हैं। जिस क्षेत्र में आप अपना काम करना चाहतें हैं, उसमे अपने लिए लक्ष्य निर्धारित करें और लक्ष्य तक पहूँचने के लिये काम में जुट जाएँ। इससे सफलता प्राप्ति के लिए जीवन पर्यन्त चलने वाली प्रक्रिया शुरू हो जायेगी और आप को दूसरों के साथ कार्य करने के लिए आत्मबल मिलेगा।
Aapne jo likha thik tha. Lekin iss post me, jyada dar copy ki gai hai. Aapka bhavishya aapke hath me..Iss pustak ki pure pur bate aapne likhi hai. Jo ki mujhe sahi nahi laga.
जवाब देंहटाएंप्रिय मित्र यह अंश अग्नि की उड़ान से ली गयी है जो कि ए पी जे अब्दुल कलाम द्वारा रचित है।
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