काम करने की चार अच्छी आदतें



१.   काम करने की पहली अच्छी आदत: अपनी टेबल से सारे कागज हटा दें, सिर्फ वही कागज़ रहने दें, जो वर्त्तमान समस्या से सम्बंधित है।
एल विलियम्स ने कहा था- “जिस आदमी की टेबल पर बहुत से मामलों से सम्बंधित कागजों का अम्बार होता है, वह अधिक आसानी और कुशलता से तभी काम कर सकता है, जब वह अपनी टेबल से सभी कागज हटा दे और वहाँ सिर्फ तत्कालीन समस्या से सम्बन्धित कागज़ रहने दे। इसे मैं अच्छी हाउस कीपिंग कहता हूँ, और यह कार्य कुशलता की ओर पहला कदम है।”
दोस्तों , व्यवस्था ईश्वर का पहला नियम है। और व्यवस्था किसी कार्य का पहला नियम भी होना चाहिए।
पेनसिलवैनिया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ एच स्टॉक ने अपना एक रिसर्च पेपर लिखा था जिसमे उन्होंने "फंक्शनल न्युरोसिस ऐज़ कंप्लीकेशंस ऑफ़ ऑर्गेनिक डिसीज़" नमक शीर्षक का पूरा वर्णन किया है जिसमे उन्होंने ११ शर्तों को सूची बद्ध किया है। जिसमें पहली ही उनकी शर्त इस प्रकार है।-
Ø अनिवार्यता का भाव, आगे करने वाले कामों की अनंत श्रृंखला जिन्हें आप को करना ही है।
परन्तु अपनी मेज खाली करने और आसन उपाय से, आप इस अति दबाव से, इस अनिवार्यता से, इस आगे करने वाली अनंत श्रृंखला से, जिन्हें आप को करना ही है, कैसे बच सकतें है
?
२.   काम करने की दूसरी अच्छी आदत: कामों को उनके महत्व के क्रम में करें।
दो अनमोल योग्यताएं : पहली, सोचने की योग्यता, दूसरा, कामों को उनके महत्व के क्रम में करने की योग्यता।
दोस्तों, हम किसी के सफलता का श्रेय इन दो योग्यताओं को दे सकतें है।
३.   काम करने की तीसरी अच्छी आदत:  जब भी अप के सामने कोई समस्या आये तो, उसे तत्काल सुलझा लें, बशर्ते आप के पास निर्णय लेने के लिए आवश्यक तथ्य हों। फैसला भविष्य पर ना टालें।


४.   काम करने की चौथी अच्छी आदत : व्यवस्थित रहना, सौपना और निरिक्षण करना सीखें।  

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