नही चाहिये आम बस जान छोड़ दो ! (कहानी)

चिलचिलाती धूप, बगीचे की तरफ भागता हुआ एक बारह साल का लड़का और उसके पीछे दौड़ती एक महिला, जो की घर की मालकिन है , जोर जोर से चीखती हुई, पकड़ो-पकड़ो चोरी करके भाग रहा है। लेकिन वह लड़का बरांडे से निकल कर बाहर भाग गया। चौकीदार ने काफी दूर तक उसका पीछा किया , मगर देखते ही देखते वह लड़का न जाने कहाँ गायब हो गया। चौकीदार की निगाहें, उसे यहाँ वहाँ उसे खोजती रही । लगभग आधा घंटा बीत गया, दीवार की ओट में छुपा वह लड़का न जाने कहाँ गायब हो गया, डरते डरते अपना झोला सम्हाले , नजरे बचाता हुआ आगे बढ़ रहा था कि चौकीदार की निगाह उस पर पड गयी । यह देख कर वह लड़का तेजी से दौड़ा, लेकिन चौकीदार ने उसका पीछा करना छोड़ दिया। वह लड़का भागते भागते एक बस्ती की ओर मुड़ गया और न जाये कहाँ गायब हो गया। चौकीदार भी हार मानने वाला नही था, बस्ती में जितनी भी आठ दस खोलियां थी, सब में जा कर उसने खोजा। आखिर वह मिल ही गया। चौकीदार उस लड़के पर इस कदर लपका जैसे कोई वह बहुत बड़ा डाका डाल कर आया हो। उसने घसीटते हुए अपनी मालिकिन के सामने पटक दिया। मालिकिन के कहने पर उसने लड़के की खूब पिटाई की, तभी ...