स्वामी विवेकानंद के प्रेरक कथन

  • सत्य को विभिन्न प्रकार से बताया जा सकता है, पर फिर भी वह एक सत्य ही रहेगा, अपरिवर्तनीय ही रहेगा। 



  • जो  वास्तविक सत्य है, उसे निर्भीक होकर सभी से कहें।

  • संसार की हर वस्तु में अच्छे और बुरे दो ही पहलु होतें हैं। जो मनुष्य अच्छा पहलु देखते है, वे अच्छाई; और जिन्हे केवल बुरा पहलु ही नज़र आता है, वे बुराई ही संग्रह करते हैं।


  • जीवन में, जिस शिक्षा से हम अपना निर्माण कर सकतें है, मनुष्य बन सकतें हैं, चरित्र गठन कर सकतें हैं, और विचारों का सामंजस्य कर सकतें हैंI वही वास्तव में शिक्षा कहने के योग्य है  

  • जीवन का रहस्य केवल आनंद ही नहीं है, बल्कि अनुभव के माध्यम से सीखना भी है।

  • पूरे संसार की शक्तियां पहले से ही हमारी है। वे हम ही है, जो अपनी आँखों पर हाथ रखें रहतें है और फिर रोते रहतें है कि कितना अंधेरा है।

  • गतियाँ एक तरफा (एक तरफ से ही हो) हो तो झगड़ा ज्यादा देर तक नहीं चल पाता।

  • दिन में एक बार अपने स्वयं से अवश्य बात करे, अन्यथा आप इस संसार में एक उत्कृष्ट और विचित्र व्यक्ति से मिलने का अवसर गवां देंगे।

  • जीवन के तीन अनमोल कथन-
 जो आपकी सहायता करता है उसे जीवन में कभी न भूलें
 जो आपको प्यार करता  है उससे नफरत कभी न करें।
 जो आप पर विश्वास करता है उसे कभी धोखा न दें


  • कोई भी मनुष्य अपने जीवन में कुछ नहीं पा सकता, जब तक कि वह उसे कमा नहीं सकता यह जीवन का एक शाश्वत नियम है।

  • जीवन में ज्यादा रिश्ते होना आवश्यक नहीं, पर जो रिश्ते हैं उन में जीवन होना आवश्यक है।

  • जगत के कल्याण की कोई भी संभावना तब तक नहीं है, जब तक कि महिलाओं की हालत में सुधार नहीं होता एक पंछी के लिए एक पर के सहारे उड़ान भरना असंभव है।

  • यदि आप संसार पर उपकार करना चाहते हैं, तो संसार पर दोषारोपण करना त्याग दें।


  • जब तक आप स्वयं पर भरोसा नहीं करते, तब तक आप परमात्मा पर भी भरोसा नहीं कर पाएंगे

  • डर उन लोगों का पीछा कभी भी नहीं छोड़ता, जो गलत प्रकार से अपनी आजीविका का अर्जन करतें है, या दूसरों को कष्ट, नुकसान पहुंचाते है।

  • एक नायक बनिये, और सदैव कहिये "मुझे किसी भी प्रकार का कोई डर नहीं है


  • जिस समय जिस काम के लिए आप प्रतिज्ञा करें, ठीक उसी समय पर उसे करिये, नहीं तो लोगों का विश्वास उठ जाता है, और आप स्वयं से भी झूठ बोलने लगतें है।

  • एक समय पर एक ही काम करें, और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमें डाल दें और बाकी सब भूल जाएँ।

  • संसार में आधे से अधिक लोग इसलिए असफल हो जाते है क्योकि समय-समय पर उनमें साहस का संचरण नहीं हो पाता और वे पूर्ण रूप से भयभीत हो उठते है।


  • कभी भी अपने पर से विश्वास मत खोयें, आप इस संसार में कुछ भी कर सकते हैं।

  • जिस दिन, आप के सामने कोई समस्या न आये तो आप ये मानिये कि आप गलत रास्ते पर सफर कर रहे है

  • कभी भी यह न सोचें कि आत्मा के लिए कुछ असंभव भी है


  • आप जैसे विचार करेगें, वैसे ही बन जायेंगे अगर आप स्वयं को कमज़ोर मानेंगे तो आप कमज़ोर ही बन जायेंगे और यदि आप स्वयं को बलवान मानेंगे तो बलवान बन जायेंगे


  • मन की एकाग्रता ही समग्र एवं सपूर्ण ज्ञान है।


  • सभी शक्तियां आप के भीतर ही है, आप कुछ भी और सब कुछ कर सकते, इस संसार में है 


  • उठें, जागें और तब तक न रूकें, जब तक आप अपना लक्ष्य न हासिल कर लें

  • मैं स्वयं में बहुत सी कमियों के बावजूद भी स्वयं से प्रेम कर सकता हूँ, तो फिर दूसरों में थोड़ी सी कमियों की वजह से उनसे घृणा कैसे कर सकता हूँ।


  • अगर हम सभी ईश्वर को अपने ह्रदय में और हर जीवित में नहीं देख सकते, तो हम ईश्वर को खोजने के लिए और कहाँ जा सकते हैं।

  • जीवन बहुत ही छोटा है, संसार में किसी भी चीज़ का घमंड अस्थायी है पर केवल जीवन वही जी रहा है जो दूसरों के लिए जी रहा है, बाकि सब इस संसार में जीवित से अधिक मृत है  


  • मेरा भरोसा इस युवा पीढ़ी में है, आधुनिक पीढ़ी, उनके अंदर से मेरे कार्यकर्ता बाहर आएंगे और वे पूरी समस्या का निराकरण कर देंगे, शेरों की तरह I


  • अपने मन को उच्च विचारों और उच्चतम आदर्शों से भरें, दिन और रात उन्हें अपने सामने रखें, तब इससे आपके सर्वोतम काम की निर्माण होगा।



    • ताकत में जीवन है, और कमजोरी में हार है


    • आपको अपने अंदर से बाहर की ओर विकसित होना पड़ेगा। यह आपको कोई भी नहीं सीखा सकता, और न ही कोई आपको आध्यात्मिक ही बना सकता है आपकी अपनी अंतरात्मा के अलावा आपका कोई भी शिक्षक नहीं है


    • भय और अधूरी इच्छायें ही सभी दुखों का मूल है।


    • हमारे सभी कामों में, त्रुटियाँ और गलतियाँ ही हमारे एक मात्र शिक्षक है। जो गलतियाँ करते है, सच्चाई का मार्ग भी उनके द्वारा ही हासिल किया जाता है

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