बेंजामिन फ्रैंकलिन के प्रेरक कथन







जन्म  : 17 जनवरी 1706
Boston, Massachusetts में 
मृत्यु : अप्रैल 17, 1790 (उम्र 84 वर्ष  की अवस्था में ) 
Philadelphia, Pennsylvania में 
राष्ट्रीयता : अमेरिकन 
पत्नी  : Deborah Read
बच्चे : William Franklin
Francis Folger Franklin
Sarah Franklin Bache
पेशा : वैज्ञानिक , लेखक , राजनीतिज्ञ 





    • एक मकान तब तक घर नहीं बन सकताजब तक उसमे मस्तिष्क और तन दोनों के लिए खाना और भभक न हो।






    • बीस साल की उम्र की अवस्था तक इंसान अपनी इच्छा से चलता हैतीस तक बुद्धि से और चालीस तक अपने अनुमान के आधार से।






    • दोस्त बनाने में धीमे रहिये, और बदलने में और भी।






    • छोटे-छोटे खर्चों से सदैव सावधान रहिये, एक छोटा सा छेद बड़े से जहाज़ को भी डूबा सकता है।





    • अज्ञानी होना उतनी शर्म की बात नहीं है, जितना कि मन में सीखने की इच्छा ना रखना।






    • तैयारी  करने में अनुत्तीर्ण होने का अर्थ है, अनुत्तीर्ण होने के लिए तैयारी करना।






    • निश्चित रूप से इस विश्व में कुछ भी निश्चित नहीं है, बजाय केवल मौत और करों के।






    • संतोष गरीबों को अमीर बनाता है और असंतोष अमीरों को गरीब बनाता है।







    • लेनदारों की यादाश्त देनदारों से अच्छी होती है।






    • परिश्रम ही सौभाग्य की जननी है।







    • जीवन में कुछ ऐसा लिखें, जो पढने लायक हो, या कुछ ऐसा करें, जो लिखने लायक हो।






    • थकान जीवन का सबसे अच्छा तकिया है।






    • ईश्वर उसकी सहायता करतें है, जो स्वयं अपनी सहायता करता है।






    • अर्ध-सत्य ज्यादातर एक बड़ा झूठ ही होता है।






    • मछलियों कि तरह अतिथि भी, तीन दिन बाद बदबू करने लगते हैं।






    • जिसके पास धैर्य (धीरज) है, वे जो चाहे वो पा सकतें है।

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