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अब्राहम लिंकन के प्रेरक कथन
- दोस्त  वह  है,  जिसके  शत्रु  वही 
हैं,  जो  आपके शत्रु 
हैं।
 
 
 
 
- स्त्री  ही  एक 
मात्र  प्राणी  है, 
जिससे  मैं  ये  जानते  हुए 
भी  की  वो 
मुझे  अघात  नहीं 
पहुंचाएगी , डरता  हूँ।
 
 
 
 
- प्रजातंत्र 
लोगों  की , लोगों  के द्वारा , और  लोगों  के 
लिए  बनायी  गयी  सरकार  है।
 
 
 
 
- अगर  श्वान  की 
पूँछ  को  पैर 
कहें , तो  श्वान  के  कितने  पैर 
हुए ?
चार। पूँछ को  पैर 
कहने  से  वो 
पैर  नहीं  हो 
जाती।
 
 
 
- मैं  जो भी  हूँ, या  होने की 
आशा  करता  हूँ, उसका
श्रेय मेरी सबसे महान माँ को  जाता  है।
 
 
 
 
- हमेशा  ध्यान  रखिये, 
की  आपका  सफल 
होने  का  संकल्प 
किसी  भी  और 
संकल्प  से  महत्त्वपूर्ण 
है।
 
 
 
 
- दुश्मनों  को  दोस्त 
बना  कर,  क्या 
मैं   उन्हें  नष्ट 
नहीं  कर  रहा ?
 
 
 
- अगर  शांती  चाहते 
हैं, तो आप लोकप्रियता  से  बचिए।
 
 
 
- साधारण से दिखने 
वाले  लोग  ही 
दुनिया  के  सबसे 
अच्छे  लोग  होते 
हैं: यही  वजह  है 
कि  ईश्वर  ऐसे 
बहुत  से  लोगों का निर्माण करते हैं।
 
 
- किसी  पेड़  को 
काटने  के  लिए 
आप  मुझे  छ: 
घंटे  दीजिये  और 
मैं  पहले  चार 
घंटे  कुल्हाड़ी  की  धार  तेज 
करने  में ही  लगाऊंगा।
 
 
- यदि आप एक बार अपने साथी नागरिकों का विश्वास भरोसा तोड़
दें , तो आप फिर कभी उनका दुबारा सत्कार और सम्मान नहीं पा सकेंगे।
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
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