क्षमा बड़न को चाहिए


क्षमा बड़ी चीज है। बतौर उदाहरण एक बार संख्या 9 ने संख्या 8 को


थप्पड़ मार दिया। 8 रोने लगा और पूछा, मुझे थप्पड़ क्यों मारा ? तो 9 ने कहा, क्यों मारा ? मैं बड़ा हूँ। इसलिए तुम्हें मार सकता हूँ। यह मेरा अधिकार है। यह सुनते ही 8 ने 7 को थप्पड़ मार दिया और 9 वाली बात दोहरा दी। फिर क्या था ? फिर तो यह सिलसिला चल पड़ा। सात ने 6 को मारा 6 ने 5 को मारा 5 ने 4 को मारा 4 ने 3 को मारा 3 ने 2 को मारा, 2 ने एक को मारा। अब एक किसको मारे ? एक ने अपने नीचे 0 (शून्य) को देखा तो उसकी हालत तो थप्पड़ पड़ने से पहले ही पतली हो रही थी। एक ने उसे मारा नहीं, बल्कि उसे प्यार से उठाकर अपने बगल में बैठा लिया और ज्यों ही शून्य की बगल में बैठाया एक की ताकत 10 गुना बढ़ गई। अब तो 9 की हालत देखने लायक थी लेकिन 10 ने उसे मारा नहीं, अपितु उसे माफ कर दिया और उसको भी अपने बगल में बैठा लिया । 9 के बगल में बैठते ही एक का कद 109 हो गया। माफ करने वाला, क्षमा करने वाला हमेशा बड़ा ही होता है।

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