जिंदगी हो अमन चैन की
जिंदगी हो अमन चैन की, ईश ऐसा ही वर दीजिये। कर सकें कुछ किसी के लिए, भावना ऐसी भर दीजिये। छोड़ वेदों पुराणों को हम, आज दर दर भटकने लगे, पा सकें कुछ कहीं रौशनी, बुद्धि ऐसी प्रखर दीजिये। कर सकें कुछ किसी के लिए, भावना ऐसा भर दीजिये। देवताओं की प्यारी धरा, यह समुंदर ,नदी, शैल ,वन, दें सकें इन पे क़ुर्बानियाँ, वह कालेज निडर दीजिये। कर सकें कुछ किसी के लिए, भावना ऐसी भर दीजिये। जिंदगी हो अमन चैन की, ईश ऐसा ही वर दीजिये।