जार्ज वाशिंगटन के प्रेरणादायक कथन






जार्ज वाशिंगटन  
जन्म: 22 फरवरी, 1732 
मृत्यु: 14 दिसंबर 1799 
संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रथम राष्ट्रपति
उन्होंने अमेरिकी सेना का नेतृत्व करते हुए ब्रिटेन के ऊपर अमरीकी क्रान्ति (1775-1783) में विजय हासिल की। 
1789 में अमरीका के प्रथम राष्ट्रपति चुने गये
आज भी अमरीका में उनके नाम का सिक्का  प्रचलित है।




  • सभी व्यक्तियों के  साथ  नम्र  रहे , परन्तु  कुछ  ही  के  साथ  अन्तरंग  हों,  और  इनको  अपना  विश्वास  देने  से  पूर्व पूर्ण रूप से  परख  लें।





  • बंदूकें महत्त्व में सिर्फ संविधान से कम होती हैं; वे लोगों की स्वतंत्रता का दन्त होती हैं।





  • बिना प्रभु और बाइबिल के देश पर सही प्रकार से शासन करना असंभव होता है।





  • यदि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता छीन ली जाये तो शायद गूंगे और मौन हम उसी तरह संचालित होंगे जैसे भेड़ को बलि के लिए ले जाया जा रहा हो।





  • मेरी माँ सबसे खूबसूरत थीं। मैं जो भी हूँ अपनी माँ की वजह से हूँ, मैं स्वयं के जीवन में मिली सभी सफलता का श्रेय उनसे मिली नैतिक, बौद्धिक और शारीरिक शिक्षा को ही देता हूँ।





  • सरकार तर्कपूर्ण नहीं है, वह सुवक्ता नहीं है; वह ताकत है आग की तरह , वह एक खतरनाक नौकर है और एक  भयानक मालिक





  • प्रसन्नता और नैतिक कर्तव्य एक दूसरे से पूरी तरह से जुड़े हुए हैं





  • यदि आप अपनी प्रतिष्ठा का सम्मान करते हैं तो अच्छे गुडों से संपन्न लोगों के साथ जुड़िये ; क्योंकि  बुरी संगत में रहने से अच्छा अकेले रहना है





  • वह समय बहुत नज़दीक है जो तय करेगा कि अमेरिकी स्वतंत्र होंगे या गुलाम






  • दिखावटी देशभक्ति के पाखण्ड से बचिए





  • यदि हम अपमान से बचना चाहते हैं तो हमें उसे झटकना आना चाहिए ; यदि हम शांति बांये रखना चाहते हैं , जो कि हमारी  बढती समृद्धि का एक बेहद महत्त्वपूर्ण उपकरण है , तो ये ज़रूर पता होना चाहिए कि हम हर समय युद्ध के लिए तैयार हैं





  • सच्ची दोस्ती धीमी गति से उगने वाला पौधा है , और कोई  इस पदवी का हकदार बने उससे पहले उसे विपत्ति के झटको से गुजरना और उन्हें सहना होगा





  • अनुभव हमें सिखाता है कि कब्ज़ा जमाने के बाद दुश्मन को हटाने की तुलना में उसे कब्ज़ा करने से रोकना कहीं आसान है





  • बुरी संगत में रहने से बेहतर है, अकेले रहना है





  • चलिए एक ऐसा मानक बनाएं जिसपर  बुद्धिमान और ईमानदार चल सकें ; बाकि ईश्वर के हाथ में है





  • स्वयं के ह्रदय में उस दीव्य चिंगारी , जिसे अंतरात्मा कहते हैं, को जिंदा रखने के लिए मेहनत करें।





  • सभी देशों के प्रति अच्छी भावना और न्याय रखें सभी के साथ शांति और सद्भाव स्थापित करें





  • जहाँ सत्य उजागर करने के लिए कष्ट उठाया जाता है वहां अंततः सत्य की जीत होती है





  • मानवजाति , अगर  स्वयं के आप पर  छोड़ दी जाए तो खुद पर भी शासन करने के अयोग्य है





  • जब हमने सैनिकों की कल्पना की तो हमने नागरिकों को एक तरफ नहीं रखने दिया





  • चिंता उन लोगों द्वारा भुगतान किया ब्याज है जो  उधार में मुसीबत लेते हैं





  • स्वतंत्रता जब अपनी जड़ जमाने लगती है तो एक तेजी से बढ़ने वाले पौधे के सामान हो जाती है





  • बेकार का बहाना बनाने से अच्छा है कोई बहाना ना बनाना





  • काम के आदमी के साथ आपकी बात संक्षिप्त और व्यापक होनी चाहिए





  • किसी भी तरह की सरकार के अंतर्गत ज़रुरत से बड़ी सेना स्वतंत्रता के लिए अशुभ है , और ख़ास तौर से गणतंत्रवादी स्वतंत्रता के लिए शत्रुतापूर्ण मानी जानी चाहिए





  • युद्ध के लिए तैयार रहना शांति बनाये रखने के सबसे प्रभावी साधनों में से एक है





  • स्वयं के हृदय को हर किसी की वेदना और संकटों को महसूस करने दीजिये, और स्वयं के हाथों को स्वयं के बटुए के हिसाब से देने दीजिये





  • कोसना और कसम खाना इतना तुच्छ और गिर हुआ काम है कि कोई भी समझदार और चरित्रवान व्यक्ति इससे घृणा करता है





  • हमारी राजनीतिक व्यवस्था का आधार लोगों का अपनी सरकार के संविधान को बदलने का अधिकार है





  • कुछ लोगों में ही सबसे ऊँची बोली लगाने वाले से बचने का गुण होता है





  • संविधान वो मार्गदर्शक है जिसे मैं कभी नहीं छोडूंगा





  • मैं सिर्फ ये कह सकता हूँ कि कोई ऐसा जीवित व्यक्ति नहीं है जो मुझसे अधिक ईमानदारी से दास-प्रथा का अंत करने की  योजना को अपनाने की इच्छा रखता है





  • मेरी पहली इच्छा मानवजाति के प्लेग , युद्ध को इस धरती से समाप्त करने की है





  • किसी दिन संयुक्त राज्य अमेरिका का उदाहरण अपनाते हुए , संयुक्त राज्य यूरोप होगा





  • अनुशासन सेना की आत्मा है यह छोटी संख्या को भयंकर बना देती है ; कमजोरों को सफलता और सभी को सम्मान दिलाती है





  • मैंने देखा है कि जब कभी भी किसी काम को करने के लिए एक आदमी पर्याप्त है तो दो व्यक्तियों द्वारा वो बदतर तरीके से होता है , और अगर तीन या अधिक व्यक्ति लगा दिए जाएं तो शायद ही पूरा हो  पाता है






  • न्याय का प्रबंध सरकार का सबसे मजबूत स्तम्भ है

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