बड़े होने के बाद भी मैं बचपन को कैसे बरकरार रख सकता हूं? - बचपना ज़रूरी है

आपने कभी एक छोटे से बच्चे को हवा में उछाला है!

अगर हाँ, तो आपको ये अनुभव होगा के बच्चा हवा में उछलते से ही ज़ोर ज़ोर से किलकारी मारकर हँसता है और आनंद लेता है।
उसे ये फ़िक्र नही है के मैं गिर गया तो क्या होगा, मेरे कौनसा हाथ की हड्डी टूटेगी, कितने दांत टूटेंगे वगैरह वगैरह। वो तो बस उस पल के मज़े ले रहा है।

ठीक इसी तरह आप जिस स्थिति में है, उसको भरपूर जीने का प्रयत्न करें। भले बेहद खुशी का पल हो या बेहद दुःख का, उस पल को पूरी तरह से जीये।

पुराने के बारे में सोचने का मतलब नही क्योंकि वो बीत गया, आने वाले के बारे में सोचने का फायदा नही क्योंकि आपके बस में वो है नही!

हाँ जिस पल को आप जी रहे है, वो आपका है।

उस पल में जिये! कल किसने देखा है?

बच्चे इसीलिए इतने उन्मुक्त और आनंदित रहते है।

-अर्पित शर्मा (Arpit Sharma)

उफ्फ! अब लोगों को कौन समझाए कि कद नहीं "किरदार"‌ बड़ा होना चाहिए?




टिप्पणियाँ