पहले खुद के अंदर उजाला करिए।
पहले खुद के अंदर उजाला करिए।
राबिया परम विदुषी महिला संत थीं। एक दिन लोगों ने देखा कि वे अपनी झोंपड़ी
के बाहर कुछ ढूँढ़ रही हैं। लोगों के पूछने पर बोलीं- "मैं सुई ढूँढ़ रही हूँ। " यह सुनकर लोग भी उनके साथ सुई खोजने लगे।
बन बहुत देर तक सुई खोजने पर किसी ने पूछा- "आपकी सुई कहाँ गिरी थी, ताकि हम उसी स्थान पर उसे खोजें ?" राबिया ने कहा – “सुई तो मेरी झोंपड़ी के अंदर खोई थी ।" यह उत्तर सुन सभी लोग हँसने लगे और उनमें से एक व्यक्ति ने कहा – “जब आपकी सुई ने झोंपड़ी के अंदर खोई थी, तो आप उसे बाहर क्यों ढूँढ़ रही हैं ?"
राबिया ने कहा "अंदर झोंपड़ी में अँधेरा है, लेकिन बाहर रोशनी है, इसलिए मुझे अँधेरे में सुई कैसे मिलती ?" लोग बोले- “अंदर प्रकाश करो और ढूँढ़ो, सुई मिल जाएगी ।"
इस पर राबिया मुस्कराते हुए बोलीं- "अपने जीवन में तुम सभी इस ज्ञान का प्रयोग क्यों नहीं करते ? तुम बाहर आनंद की खोज करते हो; जबकि वह अंदर खोया है । तुम्हें अंदर प्रकाश की व्यवस्था करके उसे वहाँ ढूँढ़ना चाहिए न कि बाहर ।"
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