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मई, 2017 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

गुरु अनेक रूप में

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👉   गुरु अनेक रूप में 🔵 बहुत समय पहले की बात है, किसी नगर में एक बेहद प्रभावशाली महंत रहते थे । उन के पास शिक्षा लेने हेतु कई शिष्य आते थे। एक दिन एक शिष्य ने महंत से सवाल किया, स्वामीजी आपके गुरु कौन है? आपने किस गुरु से शिक्षा प्राप्त की है?” महंत शिष्य का सवाल सुन मुस्कुराए और बोले, मेरे हजारो गुरु हैं! यदि मै उनके नाम गिनाने बैठ जाऊ तो शायद महीनो लग जाए। लेकिन फिर भी मै अपने तीन गुरुओ के बारे मे तुम्हे जरुर बताऊंगा। 🔴  एक था चोर। एक बार में रास्ता भटक गया था और जब दूर किसी गाव में पंहुचा तो बहुत देर हो गयी थी। सब दुकाने और घर बंद हो चुके थे। लेकिन आख़िरकार मुझे एक आदमी मिला जो एक दीवार में सेंध लगाने की कोशिश कर रहा था। मैने उससे पूछा कि मै कहा ठहर सकता हूं, तो वह बोला की आधी रात गए इस समय आपको कहीं आसरा मिलना बहुत मुश्किल होंगा, लेकिन आप चाहे तो मेरे साथ ठहर सकते हो। मै एक चोर हु और अगर एक चोर के साथ रहने में आपको कोई परेशानी नहीं होंगी तो आप मेरे साथ रह सकते है। 🔵 वह इतना प्यारा आदमी था कि मै उसके साथ एक महीने तक रह गया! वह हर रात मुझे कहता कि...

छोटी छोटी तीन कहानियाँ

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दुनिया ऐसी बावरी संत टॉलस्टॉय सुबह 5:00 बजे चर्च गए। सोचा वहां शांत वातावरण में प्रार्थना सुन सकूंगा, किंतु उन्हें यह देख आश्चर्य हुआ कि उनसे पहले भी एक व्यक्ति वहां पहुंच गया है, और कह रहा है - हे ! परमात्मा मैंने इतने अधिक पाप किए हैं कि मुझे कुछ कहने मे  शर्म आ रही है। अतः हे भगवान मुझ पापी को क्षमा करना। टॉलस्टॉय ने सुना तो सोचने लगे कि यह आदमी सचमुच ही कितना महान है कि सच्चे दिल से अपने अपराधों को स्वीकार कर रहा है यदि किसी अपराधी को अपराधी कहें तो वह आग बबूला हो कर मारने दौड़ता है और एक यह है कि स्वयं ही अपने को अपराधी मान रहा है।  निकट जाने पर टॉलस्टॉय उस व्यक्ति को पहचान।  गए वह नगर का एक लखपति सेठ था ज्यों ही उसकी दृष्टि उन पर गई वह घबरा कर बोला आपने मेरे शब्द सुने तो नहीं । टॉलस्टॉय ने कहा हां सुने तो थे मैं तो तुम्हारी स्वीकारोक्ति सुनकर धन्य हो गया , वह व्यक्ति बोला लेकिन तुम यह बात किसी दूसरे से ना कहना क्योंकि यह बातें मेरे और परमेश्वर की बीच की हैं । मैं तुम्हें सुनाना नहीं चाहता था फिर अकस्मात कुछ  नाराजगी से बोला लेकिन अगर तुमने...

विवाह गीत (कविता)

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विवाह गीत (कविता) दो सपन आज मिलकर हुए एक हैं, एक ही आज दोनों रतन हो गए। दो जगह जी रहीं एक ही ज़िन्दगी, एक ही हार दोनों सुमन हो गए। चाँद से चांदनी का मिलन है यहां, दो मधुर कल्पनाओं का एकीकरण। मोद का आज दिन हर्ष की रात है, क्योंकि दोनों के पूरे परन हो गए। बालपन की नदी के युगल तीर पै, जो सजाए उमंग की तस्वीर थे। दो किरण की तरह दो हिरण की तरह,  एक ही ठौर चारों नयन हो गए। आज गौरीश को है भवानी मिली, या मिली इंद्र को फिर से उनकी शची। स्वर्ग से देखकर दिव्य पाणिग्रहण, है मगन हर्ष में देवगन हो गए कोई देवाटवी का  प्रखर कल्प तरु, कोई सुर वाटिका की सुधर वल्लरी। आज अनजान पथ के अनोखे पथी, एक ही सूत्र में हो स्वजन हो गए। मुस्कुराती रहे भाग्य की वाटिका, जब तलक हो जहां बीच मंदाकिनी। युग्म बंधन तुम्हारे चिरंतन रहे, जैसे दिनकर उषा के मिलन हो गए। जितेंद्र नाथ पांडेय हिंदी एवं भोजपुरी कवि पूर्व जिलाध्यक्ष शिक्षक संघ, नेहरू इंटरमीडिएट कॉलेज, कुशीनगर, उत्तर प्रदेश

ब्रह्माकुमारी शिवानी के शालीन विचार

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Brahma Kumari Shivani Quotes in Hindi ब्रह्माकुमारी शिवानी के अनमोल विचार BK Shivani ने अपने शालीन शब्द शक्ति के माध्यम से कई लोगों के जीवन में उजाला किया है। आइये पढ़तें है ऐसे ही उनके कुछ अनमोल विचार। Name: Brahma Kumari Shivani / ब्रह्माकुमारी शिवानी Born: 1972, Pune Occupation: Spiritual Teacher, Motivational speaker Nationality: Indian Quote 1:   बदलाव की तरफ पहला कदम स्वीकार करना है। एक बार आप खुद को स्वीकार कर लेते हैं आप बदलाव के दरवाजे खोल देते हैं। आपको बस यही करना है। बदलाव कुछ ऐसा नही है जिसे आप करते हैं, ये कुछ ऐसा है जिसकी आप अनुमति देते हैं। Quote 2:  हीलिंग का ये मतलब नहीं कि कभी पीड़ा थी ही नहीं। इसका मतलब है कि अब वो पीड़ा हमारे जीवन को नियंत्रित नहीं करती। सत्य एक डेबिट कार्ड है- पहले कीमत चुकाएं और बाद में आनंद लें।  झूठ एक क्रेडिट कार्ड है- पहले आनंद लें और बाद में कीमत चुकाएं। Quote 4:  कुछ भी संयोग नहीं है। हर एक चीज जो आप अनुभव कर रहे हैं वो ठीक उसी तरह होनी थी जैसी वो हो रही है।  पाठ सीखें। कृतज्ञ र...