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कार्ल मार्क्स की वो 5 बातें, जिसने सबकी ज़िंदगी में बदलाव कर दिया

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इस पोस्ट को शेयर करें Facebook   इ इमेज कॉपीरइट GETTY IMAGES आप इस वीकेंड पर क्या करना चाहेंगे? लॉन्ग ड्राइव पर जाना चाहेंगे या फिर किसी लाइब्रेरी में जाकर किताबें पढ़ेंगे? क्या आप उनलोगों में से हैं जो अन्याय, गैर-बराबरी और शोषण को खत्म होते देखना चाहते हैं? अगर हां, तो आपके लिए आज का दिन यानी 5 मई बहुत ही ख़ास है. इस दिन कार्ल मार्क्स का जन्म हुआ था और आज उनका 200वां जन्मदिन है. जिन्होंने 20वीं शताब्दी का इतिहास पढ़ा होगा, वो इस बात से सहमत होंगे कि मार्क्स की क्रांतिकारी राजनीति की विरासत मुश्किलों भरी रही है. समाज में एक मजबूत सोशल इंजीनियरिंग उनकी विचारों से ही प्रेरित मानी जाती है. साम्राज्यवाद, आज़ादी और सामूहिक हत्याओं से उनके सिद्धांत जुड़ने के बाद उन्हें विभाजनकारी चेहरे के रूप में देखा जाने लगा. लेकिन कार्ल मार्क्स का एक दूसरा चेहरा भी है और वो है एक भावनात्मक इंसान का. दुनिया की बेहतरी में उनके विचारों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. इमेज कॉपीरइट GETTY IMAGES 1. वो बच्चों को स्कूल भेजना चाहते थे, न कि काम पर कई लोगों इस वाक्य को एक बयान ...

हिंदी माध्यम से लेकर आई. ए. एस. बनने तक का सफर

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यूनिवर्सिटी टॉपर और गोल्ड मेडलिस्ट सतना की सुरभि गौतम को 2016 के सीविल सर्विसिज़ एग्ज़ाम में 50वीं रैंक हासिल हुई थी। इनकी 12वीं तक की पढ़ाई गांव के हिंदी मीडियम स्कूल से हुई। सुरभि उन लोगों के लिए एक करारा जवाब हैं, जिन्हें या तो अपने हिंदी होने पर शर्म आती है या फिर जो हिंदी को बहुत गया गुज़रा समझते हैं, लेकिन सुरभि गर्व से कहती हैं कि उनकी पहली से लेकर बारहवीं तक की पढ़ाई हिंदी मीडियम स्कूल से हुई है। IAS बनने का सपना सुरभि ने 10वीं क्लास से ही देखा शुरू कर दिया था। दसवीं में सुरभि को 93.4 प्रतिशत अंक मिले थे। सुरभि सतना के अमदरा गांव की रहने वाली हैं। पिता मैहर सिविल कोर्ट में वकील हैं और मां सुशीला गौतम शिक्षिका। IAS अॉफिसर सुरभि गौतम ने वो सब कर दिखाया जो अंग्रेजी से पढ़ने वाले भी करते हैं। ज़िंदगी में कुछ भी बेहतर करने के लिए कभी भाषा रुकावट नहीं बनती, वो तो हमारे समाज ने खुद को भाषाओं की बेड़ियों में बांध रखा है। ये वहीं बेड़ियां हैं, जो कभी-कभी देश को दो हिस्सों में बांटती हैं, एक हिस्सा अंग्रेजी और दूसरा हिस्सा हिंदी! किसी ने सही ही कहा, पूत के पैर पालने में ही दिख...

7 आदतें जो बना सकती हैं आपको सबका पसंदीदा व्यक्ति

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दोस्तों, हर कोई चाहता है कि लोग उसे पसंद करें, society में उसकी पूछ हो और professional life  में उसे उचित सम्मान मिले। पर हकीकत में ऐसे कम ही लोग होते हैं जो सबके पसंदीदा व्यक्ति बन पाते है। आगे पढने से पहले आप अपने फ्रेंड सर्किल और प्रोफेशनल लाइफ में मौजूद कुछ ऐसे लोगों के बारे में सोचें जिन्हें ज्यादातर लोग पसंद करते हैं। अब जानने की कोशिश करें कि आखिर इन चंद लोगों में ऐसा क्या है जो इन्हें  सबका favourite बनाता है। I am sure, जब आप इसे बारे में थोडा गहराई से सोचेंगे तो पायेंगे कि इन लोगों में कुछ ऐसी आदतें हैं जो इन्हें ऐसा बनाती हैं। और आज हम इस लेख में ऐसी ही 7 आदतों को जानने की कोशिश करेंगे जिन्हें अपनाकर आप भी बन सकते हैं सबके पसंदीदा व्यक्ति। 7 आदतें जो बना सकती हैं आपको सबका पसंदीदा व्यक्ति How to become likeable person in Hindi  or  How to become favourite of all in Hindi 1) सरलता को अपनाएं / Adopt Simplicity हमारी पसंदीदा लोगों कि लिस्ट में जो लोग भी हैं उनमे एक बात कॉमन है वे सभी बड़े simple लोग हैं। उनमे किसी तरह का दिख...

पूजा और पाखी

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डर का सामना करने की सीख देती कहानी पूजा और पाखी जुड़वा बहनें थीं और दोनों को ही प्यानो बजाना बेहद पसंद था. वे स्कूल के बाद एक प्यानो टीचर के पास जातीं और प्यानो बजाना सीखतीं. घर जाकर भी वे रोज घंटों प्रैक्टिस करतीं और दिन प्रति-दिन उनकी प्यानो-स्किल्स बेहतर होती जा रही थी. एक दिन क्लास ख़त्म होने के बाद प्यानो-टीचर बोले- “तुम दोनों के लिए एक अच्छी खबर है..”, दोनों बहनें गौर से टीचर की बात सुननें लगीं, “ इस बार दुर्गा पूजा के दौरान तुम दोनों को पहली बार स्टेज पे सबके सामने अपना हुनर दिखाने का मौका मिलेगा!” दोनों एक-दूसरे को देखने लगीं… उनके दिल तेजी से धड़कने लगे, उन्हें डर था कि पता नहीं वे इतने लोगों के सामने परफॉर्म कर पाएंगी या नहीं? अगले कुछ हफ़्तों तक दोनों ने जम के तैयारी की और अंततः दुर्गा पूजा का दिन भी आ गया! दोनों अपने माता-पिता के साथ स्टेज के पास बैठी बाकी बच्चों का प्रोग्राम देख रही थीं. उनके मन में कई सवाल चल रहे थे- “अगर मैंने वहां जाकर गलती कर दी तो…अगर मैं अपनी धुन भूल गयी तो….सब लोग कितना हँसेंगे…कितनी बदनाम होगी…” वे ऐसा सोच ही रही थीं कि तभी ...

गुरु अनेक रूप में

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👉   गुरु अनेक रूप में 🔵 बहुत समय पहले की बात है, किसी नगर में एक बेहद प्रभावशाली महंत रहते थे । उन के पास शिक्षा लेने हेतु कई शिष्य आते थे। एक दिन एक शिष्य ने महंत से सवाल किया, स्वामीजी आपके गुरु कौन है? आपने किस गुरु से शिक्षा प्राप्त की है?” महंत शिष्य का सवाल सुन मुस्कुराए और बोले, मेरे हजारो गुरु हैं! यदि मै उनके नाम गिनाने बैठ जाऊ तो शायद महीनो लग जाए। लेकिन फिर भी मै अपने तीन गुरुओ के बारे मे तुम्हे जरुर बताऊंगा। 🔴  एक था चोर। एक बार में रास्ता भटक गया था और जब दूर किसी गाव में पंहुचा तो बहुत देर हो गयी थी। सब दुकाने और घर बंद हो चुके थे। लेकिन आख़िरकार मुझे एक आदमी मिला जो एक दीवार में सेंध लगाने की कोशिश कर रहा था। मैने उससे पूछा कि मै कहा ठहर सकता हूं, तो वह बोला की आधी रात गए इस समय आपको कहीं आसरा मिलना बहुत मुश्किल होंगा, लेकिन आप चाहे तो मेरे साथ ठहर सकते हो। मै एक चोर हु और अगर एक चोर के साथ रहने में आपको कोई परेशानी नहीं होंगी तो आप मेरे साथ रह सकते है। 🔵 वह इतना प्यारा आदमी था कि मै उसके साथ एक महीने तक रह गया! वह हर रात मुझे कहता कि...