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अरस्तु के कथन

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एक निश्चित बिंदु के पश्चात, धन का कोई अर्थ नहीं रह जाता। किसी मानव का स्वभाव ही उसे विश्वसनीय बनाता है, न कि उसकी सम्पत्ति उसे विश्वसनीय बनती है।        मित्रों के बिना कोई भी जीना नहीं चाहेगा, चाहे उसके पास बाकि सब कुछ ही क्यों न हो।     मित्र का सम्मान करें, पीठ पीछे उसकी प्रशंसा करें, और आवश्यकता पड़ने पर उसकी सहायता ज़रूर करें। मनुष्य स्वभाव से एक राजनीतिक पशु है।     कोई भी उस मनुष्य से प्रेम नहीं करता, जिससे वो सदैव डरता है।    बुरे व्यक्ति पश्चाताप से परिपूर्ण होते हैं। डर बुराई की अपेक्षा के द्वारा उत्पन्न होने वाला दर्द है।                     जो सभी का दोस्त होता है वो किसी का दोस्त नहीं होता है।        खुशी सदैव हम पर निर्भर करती है।         संकोच युवाओं के लिए एक आभूषण है, परंतु बड़े उम्र के लोगों के लिए धिक्कार।                मनुष्य प्राकृतिक रूप से हमेशा से ही ज्ञान कि इच्छा रखता है।               मनुष्य के अधिकतर सभी कार्य इन सातों में से किसी एक या अधिक वजहों

सुकरात के प्रेरक कथन

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हमारी विनतियां और प्रार्थनायें सामान्य रूप से केवल आशीर्वाद के लिए ही होनी चाहिए , क्योंकि ईश्वर सब जानते हैं कि हमारे लिए क्या अच्छा है और क्या नहीं अच्छा है।  प्रत्येक मनुष्य की आत्मा अमर होती है , परन्तु जो मनुष्य नेक होते हैं, उनकी आत्मा दिव्य, तेज और अमर होती है। आलस्य में जीवन व्यतीत करना आत्महत्या के समान ही है। दोस्ती करने में धीमे रहिये , परन्तु जब कर लीजिये तो उसे मजबूती से निभाइए और उस पर स्थिर और अडिग रहिये। चाहे जो हो जाये शादी कीजिये। अगर अच्छी पत्नी मिली तो आपकी ज़िन्दगी खुशहाल हो जाएगी , अगर बुरी पत्नी मिलेगी तो आप दार्शनिक ही बन जायेंगे। जीवनभर ज्ञानार्जन के बाद मैं इस संसार में केवल इतना ही जान पाया हूं, कि मैं आज तक कुछ भी नहीं जान पाया हूं। जहाँ सम्मान है वहीं डर है , पर ऐसी हर जगह सम्मान नहीं है जहाँ डर है , क्योंकि संभवतः डर अपने आप में सम्मान से ज्यादा व्यापक हो जाता है।   ज्यादातर आपकी गहन इच्छाओं से घोर नफरत पैदा होती है।    एक ईमानदार आदमी सदैव एक ब

स्टीफेन हॉकिन्स के प्रेरक कथन

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ऊपर सितारों की ओर देखिये , अपने पैरों के नीचे नहीं। जो देखते हैं , उसका मतलब जानने की कोशिश करिये और आश्चर्य करें की क्या है जो ब्रह्माण्ड का अस्तित्व बनाये हुए है।  हमेशा उत्सुक रहिये। चाहे ज़िन्दगी जितनी भी कठिन और दुविधापूर्ण लगे , आप सदैव कुछ न कुछ कर सकते हैं और सफल हो सकते हैं। मैंने देखा है उन लोगों को जो ये कहते  हैं  कि सब   कुछ  पहले  से  तय  है , और हम उसे बदलने के लिए कुछ भी नहीं कर सकते , वे भी सड़क को पार करने से पहले देखते  हैं। बुद्धिमत्ता मानव की बदलाव के अनुरूप ढलने की क्षमता है। विज्ञान केवल तर्क मात्र का अनुयायी नहीं है , बल्कि रोमांस और जूनून का भी है। यदि आप यदि सदैव गुस्सा या शिकायत करते रहतें हैं तो लोगों के पास आपके लिए समय नहीं  रहेगा। अन्य विकलांग लोगों के लिए मेरी सलाह यही होगी कि , उन चीजों पर ध्यान दें , जिन्हे अच्छी तरह से करने से आपकी विकलांगता नहीं रोकती , और उन चीजों के लिए अफ़सोस न करें , जिन्हे करने में ये बाधा डालती है