नेवेले की कहानी


एक गांव में एक परिवार रहता था जिसमें पति पत्नि और उनका एक
छोटा सा बच्चा लगभग २-३ महिने का था उस परिवार में एक पालतू नेवला भी था, जिससे उस बच्चे की मां बहुत डरती थी और उसे लगता था कि कहीं नेवला उसके बच्चे को ही ना खा ले।

वो कभी भी अपने बच्चे को अकेला नहीं छोड़ती थी, एक दिन उसको पीने का पानी कुएं से लेने जाना पड़ा तो उसने अपने बच्चे को कमरे में बिस्तर के पास लगे झूले में एक सुला दिया और कमरे को बाहर से ताला लगा कर पानी लेने कुएं के पास चली गई, कुएं के पास पहले से ही कुछ और लोग भी खड़े थे, जिससे उसको थोडा़ ज्यादा वक्त लगा पानी लेके वापस आने में।

जैसे ही वह घर पहुंची और कमरे का दरवाजा खोने जा ही रही थी कि अचानक उसकी नज़र उस बन नेवले पर पड़ी, उसने देखा की नेवले के मुख़ में बहुत सारा ख़ून लगा था, जिसको देख कर वह जोर से चिल्लाई, है भगवान् इसने मेरे बच्चे को मार डाला, और जिस बर्तन में पानी लाई थी उसी को नेवले के ऊपर फेक दिया, और नेवला उसके नीचे दब कर मर गया। और ओह महिला रोते हुए दरवाज़ा खोल कर अंदर गई, और जैसे ही अंदर आई उसकी आंखों के सामने जो था उसको देख कर वह स्तब्ध रह गई और उसने देखा कि एक सांप के बहुत से टुकड़े उसके बच्चे के पास पड़े थे और बच्चा अभी भी सो रहा था।

तब उसे अपने उस नेवले को मारने पर बहुत पछतावा हुआ।

तो दोस्तों ऐसा ही कुछ हमारी और आपकी जिंदगी में अक्सर होता है, कई बार हम जो देख कर अपने मन में किसी प्रकार का विचार पैदा कर लेते हैं और हममें से अधिकांश लोग बस अपनी इसी सोच को सच मान लेते हैं।

 और जब सच सामने आता है तो भी अपनी ही बात को सच साबित करने में लगे रहते हैं क्योंकि अगर उसने अपनी गलती मान ली तो भी वह फिर से एक विचार पैदा कर लेता है कि उसकी वैल्यू कम हो जाएगी। और जब कि ये भी सच नहीं होता है।

हममें से अधिकांश लोगों का विचार, बस दूसरों के द्वारा किए गए कार्यों को देख कर पैदा होता है। और अपना समय बस इसी सोच में खर्च कर लेते हैं।
और जो लोग केवल अपने कर्म  में ध्यान लगाते हैं वहीं लोग अपने जीवन में सफल भी होते हैं। और लोगो के लिए एक आदर्श बन जाते हैं।

आज बस इतना ही, में हूं एक साधारण व्यक्ति
जो आप सबके बीच में ही है। 

अपना और अपनों का खयाल रखें।

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